*पेड़ कभी भी डाली* *काटने से नहीं सुखता,* *पेड़ हमेशा जड़ काटने से* *सूखता हैं….* *वैसे ही इंसान अपने* *कर्म से ही नहीं बल्कि अपनी* *छोटी सोच और गलत* व्यवहार से हारता हैं.....✍